ट्रम्प टैरिफ के चलते कपड़ा निर्माताओं ने नोएडा, सूरत में उत्पादन रोका

चीन, वियतनाम, कंबोडिया, फिलीपींस

फियो ने सरकार से तुरंत मदद देने की मांग की, ईयू समेत अन्य देशों के साथ जल्द व्यापार समझौते की अपील

नई दिल्ली। निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने मंगलवार को भारतीय वस्तुओं पर उच्च अमेरिकी टैरिफ को लेकर गंभीर चिंता जताई। संगठन ने बताया कि ऊंचे शुल्क से प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण तिरुपुर, नोएडा और सूरत में वस्त्र और परिधान निर्माताओं ने उत्पादन रोक दिया है। फियो के प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने उच्च टैरिफ एक झटका बताते री हुए कहा कि यह भारत के अमेरिका ए के लिए निर्यात को गंभीर रूप से स प्रभावित कर सकता है।

उन्होंने बताया कि इस टैरिफ से भारत की ओर से अमेरिका को किया जाने वाले करीब 55 प्रतिशत निर्यात – प्रभावित होगा, जिसका मूल्य 47-48 अरब डालर के करीब है। उन्होंने बताया कि अब भारत का अमेरिका को केवल 30-35 प्रतिशत निर्यात ही चीन, वियतनाम, कंबोडिया, फिलीपींस और अन्य एशियाई देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी रह गया है। उन्होंने सरकार से निर्यातकों तत्काल मदद देने पर जोर दिया। कार्यशील पूंजी और तरलता बनाए रखने के लिए ब्याज सबवेंशन योजनाओं और निर्यात क्रेडिट समर्थन को बढ़ावा देना प्रमुख है।

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रल्हन ने एक वर्ष की अवधि के लिए ऋणों के मूलधन और ब्याज के भुगतान पर स्थगन की भी अपील की। इसके अलावा, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजनाओं का विस्तार करने और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की मांग की। उन्होंने यूरोपीय संघ, ओमान, चिली, पेरू, अफ्रीका और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों के साथ वियतनाम जल्द व्यापार समझौते करने की भी पाकिस्तान अपील की।

अधिक प्रभावित होने वाले निर्यात एवं उन पर कुल शुल्क
झींगा 60 प्रतिशत
कारपेट 52.9 प्रतिशत
अपैरल निटेड 63.9 प्रतिशत
अपैरल वूवेन 60.3 प्रतिशत
टेक्सटाइल मेडअप 59 प्रतिशत
हीरे व सोने के आइटम 52.1 प्रतिशत
मशीनरी 51.3 प्रतिशत
फर्नीचर व बेड 52.3 प्रतिशत

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भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों पर लगाया गया शुल्क
म्यांमार 40 प्रतिशत
थाईलैंड 36 प्रतिशत
कंबोडिया 36 प्रतिशत
बांग्लादेश 35 प्रतिशत
इंडोनेशिया32 प्रतिशत
चीन 30 प्रतिशत
श्रीलंका 30 प्रतिशत
मलेशिया 25 प्रतिशत
फिलीपींस 20 प्रतिशत
वियतनाम 20 प्रतिशत
पाकिस्तान 19 प्रतिशत

रोजगार पर पड़ेगा असर
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव (जीटीआरआइ) ने कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से बड़ी संख्या में रोजगार प्रभावित हो सकते हैं। गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका में 86 अरब डालर का निर्यात किया था। जीटीआरआइ का अनुमान है कि इससे कुल निर्यात में 43 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। वहीं, रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में 70 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है।

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टैरिफ से अमेरिका को होगी 500 अरब डालर की आमदनी
वाशिंगटन । अमेरिका के वित्त मंत्री स्काट बेसेंट ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से प्राप्त सीमा शुल्क राजस्व प्रति वर्ष 500 अरब डालर से अधिक हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई से अगस्त तक इसमें अच्छी-खासी वृद्धि हुई है और सितंबर में भी इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है।

बेसेंट ने व्हाइट हाउस कैबिनेट की बैठक में कहा कि पहले के 300 अरब डालर का टैरिफ संग्रह दर का आकलन काफी कम था। जुलाई से अगस्त के दौरान इसमें अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखी गई है और अगस्त से सितंबर के दौरान इसमें और भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसलिए ऐसा अनुमान है कि हम आसानी से आधे ट्रिलियन से कहीं अधिक या लगभग एक ट्रिलियन डालर का आंकड़ा छू सकते हैं। इससे बजट घाटे में काफी कमी होगी।

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